सोनभद्र में पांच महीने से लगातार जल रही है बोरिंग

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
सोनभद्र : सोनभद्र की घोरावल तहसील के धवराकुंड गाँव में सिंचाई के लिए बोरिंग करा रहे एक काशत्कार का छिद्रण कार्य समाप्त होते ही भूगर्भ से गैस निकलने लगी थी। जब भीगे कई बोरे पर्त- दर- पर्त बोर के मुहाने पर रख माचिस तीली जलाई जाने लगी तो तेज लौ प्रज्ज्वलित होने लगी। इस अग्नि ज्वाल की खबर ने कोलाहल और बाद में कोहराम मचा दिया समूचे इलाके में।अनवरत धधकती अग्निज्वाला की तहकीकात मौके पर पँहुचे उपजिलाधिकारी रमेश कुमार और क्षेत्राधिकारी अमित कुमार और इकबाल- ए- बयाँ लिया किसान मंगरु यादव से। अरसे पहले आ चुकी टीमों को जो वकया ग्राम पंचायत कोलडीहा के धौराकुण्ड वासियों ने बताया था वही दास्ताँ कह सुनाई। बोर वेल से कान स्पर्श भी नहीं हो पता कि अंदर सैकड़ों फीट नीचे से गड़गडाहट- बुजबुजाहट जैसी कलकल प्रतिध्वनि साफ समझ में आती है जबकि ऊपर माचिस तीली जलाने पर प्रज्जवलित हो दाहकती अग्नि दृष्टिगोचर होने लगती है।एसडीएम व सीओ ने बोर के मुहाने को नाद से ढकने की चेतावनी दी ताकि किसी को कोई हानि न हो, कोई घटना- दुर्घटना न हो सके।इस बाबत यह उल्लेख समीचीन है कि यह बोरिंग इसी साल दो जनवरी को कृषक ने खेत सिंचाई के उद्देश्य से कराई थी लेकिन पानी मिलना तो दूर, बोर वेल के आसपास क्षेत्र में खेती करना व जाना भी प्रतिबंधित हो गया। बोरिंग के सवा पांच महीने हो गये, मीडिया और चर्चा का दौर चलता गया, कई माह बाद भू -तत्व खनिकर्म व अन्य टीमों का दौरा हुआ और जो जानकरी छन कर सामने आई इसके मुताबिक अंदर पेट्रोल- डीजल और गैस भूगर्भ में संव्यप्त है। बताते चलें कि जमीन के अंदर इस जिले में अनेकों प्रकार की खनिज सम्पदा का अंबार है। अभ्रक, सोना, हीरा, पोटाश,लौह आयस्क प्रचुर मात्रा में मौजूद हैं खोज के आधार पर तो गैस पेट्रोल की यह नई पहल है।